माटीसुता
सोनचिरैया मोर भारत भुइँया
माटी एकर चंदन हे
धर पसरा ए देश के माटी अउ
माथ लगा के बन्दन हे
धन भारत के बेटी वीरांगना
जुग-जुग जग मा नाम कमाए
लहू भुइँया मां अरपन कर नित
मातृभूमि बर प्राण गँवाए
ए माटी बर दुर्गा अड़गे
धर तलवार अवंति बढ़गे
बांध के पाछु पीठ मा लइका
मातृभूमि बर लक्ष्मी लड़गे
गढ़ चित्तौड़ के राज खातिर
नारी सतित्व के लाज खातिर
जननी तोर महान त्याग ले
भारत कीमती गौहर खोहे
सोलह सौ पद्मिनी अनल में
धधक धधक जीव जौहर होहे
जनकसुता सिया पतिव्रता बर
बीहड़ वन के जिनगी जी गे
प्रेमभक्ति में बेसुध मीरा
कृष्ण नाम मे गरल ला पीगे
बृंदाबन में किंजरे राधा
कालिंदी तट में जा के रोये
अमरप्रेम हे राधा किसन तोर
कभू एक ना होइस कभू अलग ना होवे
खेलकूद अउ पढ़ई लिखई मां
जल,थल अउ वायुसेना मां
बिल्लस ,खोखो ,तिरीपासा मां
आईटी ,इसरो अउ नासा मां
घर , कुरिया अउ खेतिखार मां
माई ,मइके अउ सास ससुरार मां
बेटी नाव कमावत हे
बेटी नाव जगावत हे
फेर काबर रे पथरा हिरदे
बेटी ला दुत्कारत हस
बेटी जिनगी के बोझ समझ के
कोख भीतर ले मारत हस
धन भाग ओ दाई ददा के
दुवारी जेकर बेटी चहके
जिंहा बिराजे शक्ति स्वरूपा
ओ मंदिर कस घर अंगना महके
📖🖋भीम ✍

जबर
ReplyDeleteआभार 🙏🙏🙏
Deleteबहुत सुंदर,,,,
ReplyDeleteआभार ,🙏🙏🙏
Deletebahut shandar
ReplyDeleteअतिसुन्दर👌
ReplyDeleteधन्यवाद आभार
Deleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏🙏🙏
Deleteबहुतबढ़िया
ReplyDeleteबेहद शानदार��
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏🙏🙏
Deleteअब्बड़ सुग्घर तोर लिखना हे👌
ReplyDeleteअब्बड़ सुग्घर तोर लिखना हे👌
ReplyDeleteअइसने मया अउ आशीर्वाद बनाए रहू।
Deleteधन्यवाद 🙏🙏🙏